भूक की कड़वाहट से सर्द कसीले होंट ख़ून उगलते सूखे चटख़े पीले होंट टूटी चूड़ी ठंडी लड़की बाग़ी उम्र सब्ज़ बदन पथराई आँखें नीले होंट सूना आँगन तन्हा औरत लम्बी उम्र ख़ाली आँखें भीगा आँचल गीले होंट कच्चे कच्चे लफ़्ज़ों का ये नीला ज़हर छू जाए तो मूरख तू भी छीले होंट ज़हर ही माँगें अमृत-रस को मुँह न लगाएँ बाग़ी ज़िद्दी वहशी और हटीले होंट ऐसी बंजर बातें ऐसे कड़वे बोल ऐसे सुंदर कोमल सुर्ख़ रसीले होंट इतना बोलोगी तो क्या सोचेंगे लोग रस्म यहाँ की ये है लड़की सी ले होंट