भूल जाओगे तुम अगर मुझ को कौन देगा मिरी ख़बर मुझ को मर्तबा चाहता हूँ कुछ मैं भी ऐ मोहब्बत तबाह कर मुझ को जो मुझे एक दिन में भूल गया याद आएगा उम्र-भर मुझ को ऐ शब-ए-ग़म कोई तो आहट कर काट खाएगा मेरा घर मुझ को मैं तिरे दिल का एक हिस्सा हूँ अपने अंदर तलाश कर मुझ को