बिना बोले जो तुम ने कल कहा है हमारा दिल ज़रा बैठा हुआ है उसी खिड़की पे बैठा चाँद है फिर ज़माना कितना आगे बढ़ गया है ये माना हम बहकने लग गए थे ज़रा समझो कि ये नश्शा नया है वो तितली फूल जंगल झरना अब भी बड़ा चुप-चाप देखें रास्ता है गुमाँ है कुछ ज़ियादा तुम को ख़ुद पे ये मत भूलो नया ये सिलसिला है