चाहे जन्नत न मिले चाहे ख़ुदाई न मिले है दुआ मेरी यही तुझ से जुदाई न मिले कौन सी राह चुनी तुम ने मोहब्बत के लिए चल के आ जाओ मगर आबला-पाई न मिले साथ तेरा हो अगर मौत भी आए हमदम ज़ीस्त जो मुझ को मिले तुझ से पराई न मिले अजनबी अपने ही बन जाते हैं जिन से यारो नाम को मेरे कभी ऐसी बुराई न मिले जो बदल डाले मिरी बात का मतलब ही 'सहर' मेरे अशआ'र में ऐसी भी सफ़ाई न मिले