चलो बाँट लेते हैं अपनी सज़ाएँ By Ghazal << कर लिया महफ़ूज़ ख़ुद को र... अश्क अपना कि तुम्हारा नही... >> चलो बाँट लेते हैं अपनी सज़ाएँ न तुम याद आओ न हम याद आएँ सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा किसे याद रक्खें किसे भूल जाएँ उन्हें क्या ख़बर आने वाला न आया बरसती रहीं रात भर ये घटाएँ Share on: