चलो दिल की कहानी को मुकम्मल कर दिया जाए बची है जो जगह ख़ाली उसे भी भर दिया जाए करे अब प्यार का इक़रार या इंकार कर दे वो मोहब्बत के लिए इज़हार उस से कर दिया जाए निगाहों से छलकता है अजब है इश्क़ का क़िस्सा छलकने को ज़रूरी है रगों में भर दिया जाए हमारी आँख से कहने लगे हैं ख़्वाब रो-रो कर भटकते फिर रहे हैं हम हमें भी घर दिया जाए जिधर देखूँ उधर ही रहज़नों की भीड़ है मौला सफ़र में साथ चलने को मुझे रहबर दिया जाए नहीं ये सोचना इस खेल में क्या फ़ैसला होगा लगा ली शर्त तो अब ओखली में सर दिया जाए