चलो मिले न मिले कुछ सवाल कर देखो कोई सदा तो हवा में उछाल कर देखो तमाम उम्र जो खटकेगा वो सवाल हूँ मैं जो टाल सकते हो मुझ को तो टाल कर देखो जहाँ कहीं भी रहूँगा मैं लौट आउँगा न हो यक़ीन तो मेरा ख़याल कर देखो बनेगा अक्स जो पानी में टूट जाएगा जो मेरा हाल है वो अपना हाल कर देखो लिबास-ए-जिस्म में 'शाहिद' को ढूँडने वालो कभी तो इस को बदन से निकाल कर देखो