चमेली रात कह रही थी मेरी बू लिया करें और इस से जी नहीं भरे तो मुझ को छू लिया करें गर आप को भी शौक़ है क़द-आवरी का यूँ करें ज़मीं में पाँव गाड़ कर ज़रा नुमू लिया करें कभी भी अच्छे देवता नहीं बनेंगे ऐसे आप चढ़ावे में रूपए नहीं फ़क़त लहू लिया करें हमारे मय-कदे का ये उसूल है सभी सुनें हमेशा दाएँ हाथ से सभी सुबू लिया करें क़फ़स में शोर भी करें तो ख़ैर है मगर 'सफ़ीर' रिहाइशी परिंद लें तो ख़ुश-गुलू लिया करें