छोड़ दे सोचना बताइये नाँ क्या है मुश्किल 'दुआ' बताइये नाँ दिल में जब आप ही तो रहते हैं दर्द-ए-दिल की दवा बताइये नाँ रतजगों की मुझे मिली हुई कब ख़त्म होगी सज़ा बताइये नाँ ज़र्द पत्तों के हाथ काँपते हैं है दिसम्बर चला बताइये नाँ मेरी तस्वीर ताज़ा रक्खेंगी मेरी सूरत-नुमा बताइये नाँ काट सकती है रौशनी की किरन क्या अंधेरा 'दुआ' बताइये नाँ