चुप-चाप तू मस्ती में यहाँ अपनी उड़े जा हर बात पे ख़ुश रह के तू हर दम ही हँसे जा जीने ही कहाँ देते हैं ये लोग किसी को तू मौत समझ ज़ीस्त को और हँस के जिए जा देखे हैं कई गिरते हुए बाम फ़लक से दुनिया है सितमगर यहाँ तू गिर के उठे जा बातिल का यहाँ साथ नहीं देना तू ऐ दिल हक़ बात के हर नुक़्ते पे हिम्मत से लड़े जा मुफ़्लिस के लिए जीना है हर दौर में मुश्किल ये मुफ़लिसी का ज़ह्र भी हँस हँस के पिए जा आराम नहीं पाएगा है दौड़ हयाती है क़ब्र में आराम यही बात सुने जा 'कोकी' ने तो की बात हमेशा ही पते की ये बात अगर सच है तो फिर बात सुने जा