दहन का लब का ज़क़न का जबीं का बोसा दो हमें तो लेने से मतलब कहीं का बोसा दो बहुत दिनों में तुम्हें बस में दाव से लाया जहाँ जहाँ का मैं माँगूँ वहीं का बोसा दो न तुर्श-रू हो न खट्टे करो हमारे दाँत मज़ा है हँस के लब-ए-शक्करीं का बोसा दो हज़ार कीजिए इंकार मैं न मानूँगा मैं सुनने वाला नहीं हूँ नहीं का बोसा दो मिरी तुम्हारी यही शर्त थी जो की इंकार तो चार जीत के एक उस नहीं का बोसा दो वो बोले 'नुत्क़' तिरी गर्मियों में आग लगे कभी कहा जो रुख़-ए-आतिशीं का बोसा दो