दर्द दिल का सिवा नहीं होता अब वो मुझ से ख़फ़ा नहीं होता भूलना अब उसे है ना-मुम्किन साँस से वो जुदा नहीं होता सिर्फ़ सोचा किए यही दोनों काश ये फ़ासला नहीं होता इश्क़ की वुसअ'तें हैं ला-महदूद इश्क़ का दायरा नहीं होता है ख़ुशी धूप छाँव सी लेकिन दर्द दिल से जुदा नहीं होता