दर्द उस का उभर रहा होगा By Ghazal << दरून-ए-हल्का-ए-ज़ंजीर हूँ... दिल के लुटने पे क्या करे ... >> दर्द उस का उभर रहा होगा सारा नश्शा उतर रहा होगा बंद आँखों की सर्द झीलों में अक्स उस का सँवर रहा होगा रात से सुल्ह हो रही होगी उस का एहसास मर रहा होगा Share on: