दर्द-ए-दिल की दवा है माह-ए-नौ आसमाँ पर खिला है माह-ए-नौ मेरी ही तरह तेरा भी उन से क्या कोई वास्ता है माह-ए-नौ उन का चेहरा दिखाई देता है क्या कोई आइना है माह-ए-नौ मुस्कुराता है देख कर हम को जैसे सब जानता है माह-ए-नौ दिन को सोता है वो न जाने कहाँ रात को जागता है माह-ए-नौ रह के मेरी तरह से चुप 'अनवर' जाने क्या सोचता है माह-ए-नौ