दर्द-ए-दिल पैदा करें या दर्द-ए-सर पैदा करें मेरी बातें जाने उन पर क्या असर पैदा करें ज़िंदगी उन की है जो गुलशन में अपने वास्ते आशियाँ बा-वस्फ़-ए-सद-बर्क़-ओ-शरर पैदा करें आइए हम रहबर-ओ-रहज़न से हो कर बे-नियाज़ मंज़िल-ए-मक़्सूद तक ख़ुद रहगुज़र पैदा करें आ कि फिर दे कर पयाम-ए-नौ मज़ाक़-ए-दीद को हर नज़र में एक दुनिया-ए-दिगर पैदा करें खुल ही जाएगी हक़ीक़त आलम-ए-अज़दाद की दीदा-ए-दिल इम्तियाज़-ए-ख़ैर-ओ-शर पैदा करें उन को पा कर ख़ुद को खो देना तो है इक आम बात उन को पा कर ख़ुद को पाने का हुनर पैदा करें आह-ए-बे-तासीर में 'तालिब' असर आ जाएगा दर्द-ए-दिल पैदा करें दर्द-ए-जिगर पैदा करें