दरिया में बहुत कुछ है रवानी के अलावा मुद्दत से मैं सैराब हूँ पानी के अलावा ऐ शहर-ए-सितम-ज़ाद तिरी उम्र बड़ी हो कुछ और बता नक़्ल-ए-मकानी के अलावा ईमान-शिकन पैकर-ए-दोशीज़ा-ए-आलम सब कुछ है तिरे पास जवानी के अलावा किस अहद-ए-गुनहगार ने ली आख़िरी हिचकी मसरूफ़ हैं सब फ़ातिहा-ख़्वानी के अलावा रंगों को बरतने का हुनर सीख चुका हूँ क्या चाहिए अब तेरी निशानी के अलावा दुनिया से तअ'ल्लुक़ का सबब किस को बताऊँ अब दोस्त कहाँ दुश्मन-ए-जानी के अलावा क्या दूँ तुझे जाती हुई जाँ-बाज़ बहारो कुछ पास नहीं बर्ग-ए-ख़िज़ानी के अलावा हर शख़्स मुदावा है अक़ीदत से है बे-ज़ार मोहलत है किसे पीर-ए-मुग़ानी के अलावा अशआ'र कहाँ देते हैं मुँह देखी गवाही 'ख़ुर्शीद' कहाँ नूर-ए-मआ'नी के अलावा