दस्त-बस्तों को इशारा भी तो हो सकता है अब वही शख़्स हमारा भी तो हो सकता है मैं ये ऐसे ही नहीं छान रहा हूँ अब तक ख़ाक में कोई सितारा भी तो हो सकता है ऐन मुमकिन है कि बीनाई मुझे धोका दे ये जो शबनम है शरारा भी तो हो सकता है इस मोहब्बत में हर इक शय भी तो लुट सकती है इस मोहब्बत में ख़सारा भी तो हो सकता है गर है साँसों का तसलसुल मिरी क़िस्मत में 'ख़याल' फिर ये गिर्दाब किनारा भी तो हो सकता है