दयार-ए-याद में लानी पड़ी तिरी तस्वीर फिर आँसुओं से बनानी पड़ी तिरी तस्वीर ये बात और बनाई थी छाँव में लेकिन शदीद धूप में लानी पड़ी तिरी तस्वीर बस एक पल के चिढ़ाने के लुत्फ़ की ख़ातिर ज़रा बुरी सी बनानी पड़ी तिरी तस्वीर जो कपकपाते हुए हाथ से छुआ तुझ को हया के रंग से धानी पड़ी तिरी तस्वीर वो मेरा दोस्त बहुत ख़ास था मगर जानाँ गला पकड़ के छुड़ानी पड़ी तिरी तस्वीर