देते हो बोसा तो कहीं लाओ भी By Ghazal << जब किसी ने आन कर दिल से म... ये कौन आता है तन्हाइयों म... >> देते हो बोसा तो कहीं लाओ भी ख़ैर किसी तरह से शरमाओ भी आप के वा'दों को हमारा सलाम देख चुके ख़ूब अजी जाओ भी हम तो अभी सुल्ह पे मौजूद हैं फ़ैसला यारो कोई ठहराव भी नक़्ल-ए-कबाब-ए-जिगरी कीजिए खाओ मेरे सर की क़सम खाओ भी Share on: