धड़कनें देख भाल कर रख दूँ ला तिरा दिल सँभाल कर रख दूँ तुझ को मुझ पर यक़ीं न आए तो मैं कलेजा निकाल कर रख दूँ तेरे होंटों की प्यास की ख़ातिर सारे दरिया उछाल कर रख दूँ आँच है इस क़दर इरादों में मैं समुंदर उबाल कर रख दूँ आने वाली है रौनक़-ए-महफ़िल मय पियाले में डाल कर रख दूँ जी तो करता है ऐ 'किरन' तुझ को आफ़्ताबों में ढाल कर रख दूँ