धड़कनों की सब कहानी ख़त्म-शुद मेरी आँखों का भी पानी ख़त्म-शुद मय नई लाओ दुकान-ए-हिज्र से जो पड़ी थी कुछ पुरानी ख़त्म-शुद ये रही वो झील जिस की खोज थी पंछियो नक़्ल-ए-मकानी ख़त्म-शुद बर्फ़ ने सर पर बसेरा कर लिया अब जवानी की कहानी ख़त्म-शुद शहर-ए-दिल की रौनक़ें सब खो गईं हर तरह की शादमानी ख़त्म-शुद उँगलियों के बोलने से ये हुआ सब पयाम-ए-मुँह-ज़बानी ख़त्म-शुद चल के 'आसिफ़' पूछते हैं वक़्त से कब ये होगी राएगानी ख़त्म-शुद