धरती को गगन नहीं करोगे मिलने का जतन नहीं करोगे देखो मुझे ज़ीस्त कर रहा हूँ तुम प्यार सजन नहीं करोगे अब रात उदास हो चली है चुपके से सुख़न नहीं करोगे रहता नहीं बस में दिल हमारा क़ाबू ये हिरन नहीं करोगे तस्वीर तो बन चुकी तुम्हारी अब दो दो बचन नहीं करोगे फूलों से कलाम कर रहे हो बुलबुल से सुख़न नहीं करोगे बस एक ज़रा सा ध्यान दे कर मस्तों को मगन नहीं करोगे सखियाँ सभी हो चुकीं पराई तुम हम से लगन नहीं करोगे इक तर्ज़-ए-सुख़न 'सना' ने दी है ताईद-ए-सुख़न नहीं करोगे