दिखा के अपनी हसीं आन-बान पल भर में वो दूर कर गया मेरी थकान पल भर में बग़ैर आग लगाए भी कुछ हसीनों ने जला दिए हैं कई जिस्म-ओ-जान पल भर में तमाम लोग इसी डर में मर रहे हैं यहाँ बिछड़ न जाएँ ज़मीं आसमान पल भर में नमाज़-ए-इश्क़ भी पढ़ता वो काश रुक जाता जो दे गया मिरे दिल में अज़ान पल भर में वो बे-ज़बान था लेकिन ये वाक़िआ' है 'कँवल' सुना गया है कोई दास्तान पल भर में