दिल है मसर्रत-ए-ग़म-ए-जानाँ लिए हुए लेकिन मलाल-ए-तल्ख़ी-ए-दौराँ लिए हुए ऐ दिल न हो उदास ख़ुदारा न हो उदास एहसास-ए-तिश्ना-कामी-ए-अरमाँ लिए हुए हर मुश्किल-ए-हयात है ख़ुद अपनी आड़ में आसानी-ए-हयात का सामाँ लिए हुए हर कम-नज़र को दे के ज़माने की राहतें मैं ख़ुश हूँ अपना क़ल्ब-ए-परेशाँ लिए हुए ऐ रहरवान-ए-साहिल-ए-उम्मीद होशियार साहिल है अपनी गोद में तूफ़ाँ लिए हुए ऐ दोस्त अपने आप पे नाज़ाँ रहा हूँ मैं इक अज़्म-ए-सर-बुलंदी-ए-इंसाँ लिए हुए उम्मीद-ए-इल्तिफ़ात पे बैठा हूँ मुतमइन सरमाया-ए-नदामत-ए-इस्याँ लिए हुए उस अंजुमन में जा तो रहा हूँ मगर 'अतीक़' दिल में कशाकश-ए-ग़म-ए-दौराँ लिए हुए