दिल के वीराने को गुलज़ार बनाने के लिए आज का दिन है फ़क़त पीने पिलाने के लिए फूल अश्कों के मैं पलकों पे सजा लाया हूँ ऐ मोहब्बत के ख़ुदा तुझ को मनाने के लिए लाख ढूँडा किसी गुलशन में न पाया मैं ने एक भी फूल तिरी सेज सजाने के लिए आप चिलमन से निकलने के लिए हाँ तो कहें लोग तय्यार हैं सीने से लगाने के लिए दिल मिरा तोड़ने वालों से ये कह दो 'दिलकश' ज़िंदगी चाहिए इस घर को बनाने के लिए