दिल की धड़कन को आस किस की है ज़िंदगानी में प्यास किस की है मैं किसी का न कोई मेरा है फिर ये नस नस में प्यास किस की है जिस को मैं ने कभी नहीं देखा मेरे अंदर ये साँस किस की है कश्मकश दिल में है ये बरसों से आस किस की है यास किस की है हर बदन में छुपा जो जौहर है उस में बू और बास किस की है ख़ैर में शर की ये 'रविश' कैसी दिल से उठती भड़ास किस की है