दिल की दुनिया को बसाने चल पड़ा दिल मुद्दतों के बा'द फिर ज़िद पे अड़ा दिल हुस्न आँखें ज़ुल्फ़ और लब के मुख़ालिफ़ इश्क़ के मैदाँ में तन्हा है खड़ा दिल जब से दिल ने है लगाई ख़ुद की बाज़ी हुस्न वालो दुश्मनी में आ पड़ा दिल अल्लह अल्लाह उस की हिम्मत को सलामी सब हरीफ़ों से अकेला ही लड़ा दिल ज़ुल्फ़-ए-पुर-ख़म जुम्बिश-ए-लब और दम-ख़म उस तरफ़ ये इस तरफ़ इन से बड़ा दिल