दिल मिरा ले के ये कहते हैं कि माल अच्छा है मिन्नतें ख़ूब हैं और उन का ख़याल अच्छा है वो अयादत को मिरी आ के ये फ़रमाते हैं शुक्र-सद-शुक्र कि बीमार का हाल अच्छा है मैं ये कहता हूँ कि आग़ाज़-ए-मोहब्बत है ख़राब वो ये कहते हैं कि मोहब्बत का मआल अच्छा है साथ यूसुफ़ के तुझे मिस्र में गर ले जाते उँगलियाँ तेरी तरफ़ उठतीं ये माल अच्छा है तेरी सूरत से मैं दूँ क्या मह-ए-कामिल को मिसाल उस से सौ दर्जा तिरा हुस्न-ओ-जमाल अच्छा है दिल को दुज़्दीदा निगाहों से चुरा ले जाना तुम में इतना ही मिरी जान कमाल अच्छा है वो अयादत के लिए ग़ैर के घर जाते हैं हम मरे जाते हैं कम्बख़्त का हाल अच्छा है टूट जाने का न कुछ रंज न खो जाने का हम ग़रीबों का यही जाम-ए-सिफ़ाल अच्छा है अपनी क़िस्मत में कहाँ राहत-ओ-आराम नशात 'रंज' दुनिया में यही हम को मलाल अच्छा है