दिल था दूल्हा, दुनिया दुल्हन पहली ही रतिया हो गई अन-बन मैं मुरलीधर, मैं मन-मोहन तू है राधा, तू है पदमन मैं हूँ साधू, तू है आसन मैं हूँ सपेरा, तू है नागन मन है झेलम तन सुन्दरवन तू कशमीरन, तू बंगालन मेरा तेरा कैसा बंधन मैं टूटा दिल, तू है धड़कन तुझ से चिपकूँ तुझ से लिपटूँ मैं हूँ नाग और तू है चंदन चंदा जैसा मुखड़ा तेरा नदिया नदिया तेरा जोबन तुझ को देखूँ, ख़ुद को देखूँ तू है जैसे कोई दर्पन