दिल-ए-पुर-ख़ूँ जो जाम है मेरा ख़ून शर्ब-ए-मुदाम है मेरा रिंद-ओ-आवारा नाम है मेरा सब में ये एहतिराम है मेरा आरिज़ ओ ज़ुल्फ़-ए-यार का ध्यान मूनिस-ए-सुब्ह-ओ-शाम है मेरा उम्र गुज़री कि मिस्ल-ए-नक़्श-ए-क़दम उस की रह में क़याम है मेरा आह इक दिन भी देख कर न कहा ये भी कुइ नक़्श-ए-गाम है मेरा क़ासिद उस हर्फ़-ए-ना-शुनू तक जल्द यही जागह पयाम है मेरा अभी आना है तो शिताबी आ काम वर्ना तमाम है मेरा है उसी बुत के ताक़-ए-अबरू को जो सुजूद ओ सलाम है मेरा गाह बे-ख़ुद हूँ गह ब-ख़ुद हर दम कूच और ये मक़ाम है मेरा ऐ 'जहाँदार' हूँ मैं सैद-ए-असीर हर ख़म-ए-ज़ुल्फ़ दाम है मेरा