दिन निकलेगा और ऐसे ही रातें होंगी या'नी बस तस्वीर से तेरी बातें होंगी फिर तेरी यादों का मौसम छा जाएगा देखना फिर इन आँखों से बरसातें होंगी बाहर मेरी शोहरत के चर्चे भी होंगे अंदर अंदर मेरे साथ ही घातें होंगी दुनिया वाले तुम को पेश करेंगे गुल भी मेरे पास तो अश्कों की सौग़ातें होंगी वो तो शह हैं वो तो सब कुछ ख़रीद लेंगे सोच रही हूँ उन की फिर क्यों मातें होंगी