दोस्त से ख़्वाह वो अदू से मिले न हुए हम तो फिर कसू से मिले साथ इस के पले हैं लाखों दिल क्यूँ न रंग-ए-हिना लहू से मिले वाह ये शक्ल ये दग़ा-बाज़ी दिल कसू का लिया कसू से मिले वैसे ही हसरतों के ख़ून हुए उन से थे जैसे आरज़ू से मिले लो गए थे नमाज़ को 'तनवीर' मय-कदे के हैं रू-ब-रू से मिले