दोस्तों को मिरी ज़रूरत है क़द्र-दानी नहीं ये क़ीमत है आदमी बार-ए-आदमियत है हादसे की अशद ज़रूरत है उन के लब हैं मिरी शिकायत है कितना बदला है वक़्त-ए-हैरत है दो दिलों के मिलाप की ख़्वाहिश पहले ख़्वाहिश थी अब नदामत है मैं जहाँ हूँ कफ़ील हूँ अपना तुम जहाँ हो मिरी ज़रूरत है आदमियत का इर्तिक़ा मैं हूँ आदमी से मुझे मोहब्बत है आओ इक दूसरे को प्यार करें प्यार करना बड़ी इबादत है