दुआएँ दे के जो दुश्नाम लेते रहते हैं वो जाम देते हैं और जाम लेते रहते हैं ख़फ़ा न हो कि हमारा क़ुसूर कोई नहीं बिला-इरादा तिरा नाम लेते रहते हैं हुजूम-ए-ग़म में तिरा नाम भूल भी जाए तो फिर भी जैसे तिरा नाम लेते रहते हैं ये नाम ऐसा है बिल्कुल ही गर न लें उस को तो फिर भी हम सहर-ओ-शाम लेते रहते हैं तिरी निगाह का क्या क़र्ज़ हम उतारेंगे तिरी नज़र से बड़े काम लेते रहते हैं मैं वो मुसाफ़िर-ए-रौशन-ख़याल हूँ यारो जो रास्ते में भी आराम लेते रहते हैं ग़म-ए-हयात की तालीम-ओ-तर्बियत के लिए तिरी निगाह के अहकाम लेते रहते हैं पड़ी है यूँ हमें बद-नामियों की चाट 'अदम' कि मुस्कुरा के हर इल्ज़ाम लेते रहते हैं