डूबने से बचा रहा है मुझे कोई साहिल पे ला रहा है मुझे एक दरिया है मेरी आँखों में एक सहरा बुला रहा है मुझे रूह से जिस्म मुतमइन है तो ख़ुद पे रोना क्यों आ रहा है मुझे वस्ल के वक़्त तो मैं तुझ में था हिज्र दुनिया में ला रहा है मुझे मेरे जैसी सदाएँ लगती हैं कोई मुझ सा बुला रहा है मुझे