ऐ मिरे यार वक़्त लगता है प्यार है प्यार वक़्त लगता है प्यार में सब्र भी ज़रूरी है होगा इज़हार वक़्त लगता है दिल में ऐसे जगह नहीं मिलती मेरे सरकार वक़्त लगता है रंग अपना दिखाएँगे इक दिन गुल हों या ख़ार वक़्त लगता है उन की ज़ुल्फ़ों के जाल में मुजरिम हो गिरफ़्तार वक़्त लगता है तेरे पीछे चलेगा ख़ुश हो कर सारा संसार वक़्त लगता है पारसा ऐसे कैसे हो जाए इक गुनहगार वक़्त लगता है मुझ से मिलने को मेरे ख़्वाबों में तुझ को हर बार वक़्त लगता है लोग जिस की मिसाल देते रहें हो वो किरदार वक़्त लगता है क्या हुआ क्यों उलझ गए 'काशिफ़' होंगे अशआ'र वक़्त लगता है