एहतियात ऐ दिल-ए-नादाँ वो ज़माने न रहे तेरे उश्शाक़ तिरे चाहने वाले न रहे जिन से क़ाएम थी तिरी शोख़-निगाही की अदा रंग-ए-महफ़िल वो जुनूँ-ख़ेज़ इशारे न रहे ऐ गुल-ए-शोख़-अदा तुझ को ख़बर है कि नहीं जो मुहाफ़िज़ थे तिरे अब वही काँटे न रहे हम जिन्हें हम-सफ़र-ए-राह-ए-वफ़ा जानते थे क्या बताएँ कि वही लोग हमारे न रहे सुब्ह से शाम तलक बारिश-ए-अनवार रही रात आई तो इन आँखों में सितारे न रहे