एक ही वक़्त में बंदा भी ख़ुदा भी मैं था सो दिया भी मैं मिरे दोस्त हवा भी मैं था मेरे हाथों की लकीरें तो बहुत छोटी थीं और सितम ये कि घराने का बड़ा भी मैं था मैं जिसे ढूँड रहा था वो कोई है ही नहीं फिर ये धोका है अगर मेरे सिवा भी मैं था हादिसा क़ाफ़िले में ये भी मिरे साथ हुआ सब से कम था मिरा सामान लुटा भी मैं था मेरे आँसू ही गवाही में बचे हैं साहिब तेरी बदली हुई आँखों को जचा भी मैं था