एक ज़ंजीर है सिलसिला जिस्म का ख़त्म होता नहीं राब्ता जिस्म का जज़्बा-ए-ना-तवाँ को मयस्सर नहीं माँगता है लहू ज़ाइक़ा जिस्म का लम्हा लम्हा अजब कैफ़ियत मौजज़न तजरबों से जुदा तज्रबा जिस्म का दस्त-ओ-पा चाँदनी चश्म-ओ-लब चाँदनी साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ है आईना जिस्म का बाइ'स-ए-क़ुर्बत-ए-रिश्ता-ए-जान-ओ-दिल फ़र्द और फ़र्द से राब्ता जिस्म का तन्हा उर्यां बदन और वहशी ज़ग़न ख़ौफ़-अंगेज़ है वाक़िआ' जिस्म का मेरी आँखों में 'शाहिद' ठहरता नहीं कितना पुर-पेच है ज़ाविया जिस्म का