एक मख़्सूस दायरा रखना क़ुर्बतों में भी फ़ासला रखना दोस्त तो दोस्त दुश्मनों से भी मिलने-जुलने का सिलसिला रखना सख़्त से सख़्त मुश्किलों में भी आगे बढ़ने का हौसला रखना अक्स-ए-चेहरा दिखाई देता है अपने हाथों में आईना रखना रंज हो या ख़ुशी का मौक़ा हो बात में बात का मज़ा रखना अब तो आदत सी हो गई 'सैफ़ी' पेश-दर-पेश मरहला रखना