एक से बढ़ कर एक तुम्हारे गहने होंगे याद मेरी जब आती होगी चुभते होंगे लोग बुरे हैं जो वो भी तो रोते होंगे उन के हिस्से में भी तो दुख होते होंगे ज़ीस्त के सब असरार समझ आ जाते होंगे मौत से पहले मरने वाले हँसते होंगे तुझ में कोई अदा नहीं तू आईना सा तेरे चाहने वाले बिल्कुल सच्चे होंगे तल्ख़-बयानी करने लगा है चारागर भी मेरे चाहने वाले उस से मिलते होंगे पत्थर पे भी जाने किस ने आँख बना दी देखने वाले ने क्या मंज़र देखे होंगे