एक से एक है ग़ारत-गर-ए-ईमान यहाँ ऐ मिरे दिल तिरा अल्लाह निगहबान यहाँ छोड़ कर जाऊँ तिरे शहर की गलियाँ कैसे दिल यहाँ रूह यहाँ जिस्म यहाँ जान यहाँ किस से पूछूँ कि वो बे-मेहर कहाँ रहता है दिल-ए-बे-ताब मिरी जान न पहचान यहाँ जाने इस शहर का मे'यार-ए-सदाक़त क्या है बुत भी हाथों में लिए फिरते हैं क़ुरआन यहाँ टूट जाए तो इसे दिल का लक़ब मिलता है चाक हो जाए तो होता है गरेबान यहाँ और होंगे जिन्हें तूफ़ान डुबो देता है हम जो डूबे तो बहुत आएँगे तूफ़ान यहाँ अब यही लोग करेंगे नई दुनिया ता'मीर तू ने देखा है जिन्हें बे-सर-ओ-सामान यहाँ 'सैफ़' क्या ख़ूब ज़माने की हवा बदली है तख़्त-ए-ताऊस पे आ बैठे हैं दरबान यहाँ