फ़ित्ना-आरा शोरिश-ए-उम्मीद है मेरे लिए ना-उम्मीदी राहत-ए-जावेद है मेरे लिए देखता हूँ हर कहीं हुस्न-ए-अज़ल का इनइकास ज़र्रा ज़र्रा ग़ैरत-ए-ख़ुर्शीद है मेरे लिए साफ़ आता है नज़र अंजाम हर आग़ाज़ का ज़िंदगानी मौत की तम्हीद है मेरे लिए जाग उठती है तह-ए-दामान-ए-शब से सुब्ह-ए-नौ मौत क्या है ज़ीस्त की तजदीद है मेरे लिए