फ़क़त जज़्बात को हलचल न देना ख़ुशी देना तो पल-दो-पल न देना हमारा आज ही उजला बना दो चलो हम को सुनहरा कल न देना बुज़ुर्गों की ये तस्वीरें हैं बच्चो सियाही उन पे कोई मल न देना यूँही बहता रहूँ कलकल हमेशा मैं झरना हूँ मुझे जल-थल न देना इसे सोना पड़ेगा पत्थरों पर मिरे एहसास को मख़मल न देना मिरे अहबाब को देना सभी कुछ मुझे चाहे सुकूँ इक पल न देना दुआ मेरी ख़ुदा से है 'रिशी' ये अमल देना मुझे गो फल न देना