फ़ासलों की बर्फ़ पिघलेगी मुझे ये डर न था इस से पहले लम्स का सूरज मिरे सर पर न था दिल के दरवाज़े पे दस्तक दे रहा था कौन था इक ज़रा सोचा कोई चेहरा कोई पैकर न था आइने की ज़िद थी बाँटे जाएँ चेहरों के नुक़ूश वर्ना मैं भी काँच की गुड़ियों का सौदागर न था ज़र्द ठिठुरी धूप में पहने हुए उर्यां बदन मैं ने पहचाना वो दीवाना न था ख़ुद-सर न था इस से पहले या तो 'ईरज' ने कभी देखा न चाँद या कभी इस तरह पहले चाँद शो'ला-गर न था