फ़ज़ा की रंगत नई नई है मिरी ये चाहत नई नई है ज़रा बताना पता ख़ुदा का मिरी इबादत नई नई है करूँ मैं सज्दा या हाथ जोड़ूँ मिरी अक़ीदत नई नई है लहू ये ख़ंजर का बोलता है अभी शहादत नई नई है करेंगे इक दिन सँभल सँभल कर अभी मोहब्बत नई नई है अभी तो सूखी नहीं सियाही अभी इबारत नई नई है चलो करें 'सर्व' याद तुझ को मिली ये फ़ुर्सत नई नई है