दिल तुझे जो दिया नहीं होता आज टूटा हुआ नहीं होता दौड़ते मत रहो सदा पीछे चाहतों का सिरा नहीं होता साथ तेरे ही बस धड़कता है दिल कभी ये मिरा नहीं होता वो तो ग़म में भी साथ रहता है दोस्त सच्चा जुदा नहीं होता उन ग़रीबों का दीन मत पूछो भूक का तो ख़ुदा नहीं होता चोट अपनी न सब को दिखलाओ हाथ सब का दवा नहीं होता 'सर्व' ये ज़िंदगी थी बे-मा'नी तू मुझे गर मिला नहीं होता