फेंक कर सारे ख़्वाब पानी में देखता हूँ सराब पानी में वस्ल के बाद यूँ लगा जैसे हो मिरा इज़्तिराब पानी में उस ने फिर फेंक दी बग़ैर पढ़े मेरे दिल की किताब पानी में कोई इस में मिला गया पानी फेंक दो ये शराब पानी में शाम को ले के तेरे लब की शफ़क़ आ गया आफ़्ताब पानी में बे-क़रारी से बहर की 'अख़्तर' आ गया इंक़लाब पानी में