फ़िदा है दिल पयम्बर पर हमारा दिला है औज पर अख़्तर हमारा तसव्वुर है रुख़-ए-रौशन का दिल में मुनव्वर आज-कल है घर हमारा वसीला हम को हाथ आया है बरतर शफ़ीअ'-ए-हश्र है सरवर हमारा हम अब मद्दाह-ए-शाह-ए-बहर-ओ-बर हैं मुसख़्ख़र होगा बहर-ओ-बर हमारा हमें बीमारी-ए-हिज्राँ है या शाह उसी से हाल है अबतर हमारा पड़े हैं हिन्द में हम या शह-ए-दीं तड़पता है दिल-ए-मुज़्तर हमारा न ताक़त है पहुँचने की न है सब्र मुअ'य्यन है कोई नय्यर हमारा कशिश बहर-ए-ख़ुदा अब कीजे ऐसी कि शौक़-ए-दिल ही हो रहबर हमारा वो संग-ए-आस्ताँ और ख़ाक वाँ की ये बालिश और वो बिस्तर हमारा यही ख़्वाहिश है और है ये ही उम्मीद यही काफ़ी है कर्र-ओ-फ़र हमारा अता फ़रमा तवक्कुल और क़नाअत भटकता जाए ये दर दर हमारा 'फ़िदा' अपनी दुआ हो ये भी मक़्बूल दर-ए-महबूब हो और सर हमारा