फ़िक्र मेरी ख़याल मेरा है नाम उन का कमाल मेरा है चढ़ता सूरज उरूज है उन का ढलता साया ज़वाल मेरा है फ़र्क़ इतना है उन के मेरे बीच फूल उन के निहाल मेरा है आ चला है यक़ीन बरसों बा'द ये महीने ये साल मेरा है इस में हालात का क़ुसूर नहीं दोष पे सर-ओ-बाल मेरा है क्यों ज़मीं तंग है ग़रीबों पर आसमाँ से सवाल मेरा है रह के अपनों के दरमियाँ 'ख़ुसरव' क्या बताऊँ जो हाल मेरा है